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Interview With Blogger and Influencer – Aapki Saheli Jyoti Dehliwal

Aapki Saheli Jyoti Dehliwal A blogger about superstition, female atrocities and
kitchen. In an interview with YoursNews, she shared her success story.

  1. Can you tell our readers about yourself and your profession?

मैं एक गृहिणी हूं। अत: किसी की बेटी, किसी की बहू, किसी की पत्नी, किसी की माँ…यही मेरी असली पहचान है। लेकिन अब एक  ‘ब्लॉगर’ के रुप में मेरी पहचान बन गई हैं। इस नई पहचान से दिल को सुकून मिलता हैं। मेरी शिक्षा एम. कॉम. तक हुई हैं।

मैं अपने विचार लोगों तक पहुंचाना चाहती हूं। मुझे लगता हैं कि मुझे जो कुछ आता हैं, वो मैं औरों को बताऊ ताकि उन्हें खुशहाल जीवन जीने में मदद मिल सके। जैसे सदियों से अत्याचार सहते-सहते नारी के मन में एक तरह की हीन भावना घर कर गई हैं। मैं अपने लेखों और कहानियों के माध्यम से उनमें आत्मविश्वास जगाना चाहती हूँ। पढ़ाई के कारण आजकल लड़कियों का ज्यादातर वक्त घर से बाहर होस्टल में व्यतित होने से उन्हें घर को व्यवस्थित रखने के छोटे-छोटे टिप्स पता नहीं होते और वे पाक कला में भी निपुण नहीं हो पाती।

मेरी कोशिश हैं कि मैं उन्हें छोटी-छोटी लेकिन काम की बातों से अवगत करवाऊं एवं विभिन्न व्यंजन बनाने की बारिकियों को उन्हें बताउं ताकि वे स्वादिष्ट भोजन पकाकर सभी का दिल जीत सके और घर को सुव्यवस्थित रख कर खुशहाल जीवन जी सके। पढ़ा-लिखा इंसान भी बुरी तरह अंधविश्वासों से जकड़ा हुआ हैं। मेरी कोशिश हैं कि इंसान इन अंधविश्वासों से बाहर आकर निर्भय हो कर जीवन जी सके।

  1. Describe how did you first get into Your profession?

मैं कुछ अच्छा करना चाहती थी जिससे समाज का कुछ भला हो सके। इंसान खुशहाल जिंदगी जी सके। लेकिन मेरी मर्यादाओं के चलते ऐसा क्या करूं कुछ समझ में नहीं आ रहा था। एक बार कहीं हिंदी ब्लॉगिंग के बारे में पढ़ा तो मुझे लगा कि यहीं वह माध्यम हैं जिसके द्वारा मैं अपने लक्ष्य तक पहूंच सकती हूं। लेकिन मुझे कंप्युटर का माउस क्या होता हैं यह भी पता नहीं था और ब्लॉगिंग के बारे में ज्ञान तो शून्य था। मेरे रिश्तेदारों और परिचितों में दूर-दूर तक कोई भी ब्लॉगर नहीं था जिससे मुझे थोड़ी बहुत जानकारी मिल सके। फ़िर ब्लॉगिंग कैसे करुं? लेकिन कहते हैं न जहां चाह वहां राह…गूगल पर सर्च कर-कर के ब्लॉगिंग सिखी।

  1. Can you tell me some of your strengths that really helped you in profession?

ब्लॉगिंग के सफ़र में मेरी ताकत मेरी इच्छाशक्ति ही हैं। पारिवारिक जिम्मेदारियां और शारीरिक कमजोरीयां इन दोनों के कारण ब्लॉगिंग का सफर अनवरत शुरु रखना कई बार मुश्किल होता हैं लेकिन अब तो ब्लॉगिंग के बिना मैं जीने की कल्पना भी नहीं कर सकती! यदि ईश्वर ने मुझे ब्लॉगिंग की राह न दिखाई होती तो शायद मैं बिमारियों के आगे हार जाती!!

  1. How would you describe your profession style?

जब मैं ने ब्लॉगिंग की शुरवात की थी तो कई ब्लॉगर्स ने मुझे लोकप्रिय साइट्स पर गेस्ट पोस्ट लिखने की सलाह दी थी ताकि मेरी पहचान बने और पाठक मेरे ब्लॉग पर आएं। लेकिन मुझे अपने आप पर विश्वास था इसलिए मैं ने निर्णय लिया कि मैं अपनी पहचान खुद बनाउंगी…मुझे किसी बैसाखी की जरुरत नहीं हैं। और मुझे खुशी हैं कि मैं अपनी एक ब्लॉगर के रुप में स्वतंत्र पहचान बनाने में कामयाब हो पाई हूँ।

अब कई ब्लॉगर्स मेरे ब्लॉग पर गेस्ट पोस्ट लिखना चाहते हैं। लेकिन मैं ने यह ब्लॉग मेरे खुद के विचार लोगों तक पहूंचाने के लिए बनाया हैं। इसलिए मैं ने उन्हें मना किया। मेरे मना करने पर कुछ ब्लॉगर्स को इतना बूरा लगता हैं कि वे मेरे ब्लॉग पर टिप्पणियां करना बंद कर देते हैं। लेकिन मैं मजबूर हूं। मैं अपने ब्लॉग बनाने के उद्देश्य से समझौता नहीं कर सकती।

  1. What would be your ideal working environment?

कुछ भी सृजन करने के लिए अपना खुद का समय होना बहुत जरुरी हैं। खुद का समय मतलब जब किसी भी काम का टेंशन न हो…जब किसी भी बात से विचार प्रक्रिया में व्यवधान न आएं…तब ही नई कल्पनाएं दिमाग में आती हैं।

  1. How do you manage time to run your profession?

एक गृहिणी को खुद का समय बहुत कम मिल पाता हैं। पहले मैं ने हफ़्ते की कम से कम एक पोस्ट मतलब महीने की चार पोस्ट लिखने का लक्ष्य बनाया था। तब मेरे बेटे ने कहा था कि मम्मी, आपको समय कम मिल पाता हैं। इसलिए ऐसा कुछ नियम मत बनाओ क्योंकि जिस हफ़्ते में आप नहीं लिख पाई उस हफ़्ते में आपको दुख होगा। तब मैं ने कहा था कि बेटा, इस नियम से ही मैं ब्लॉग के लिए समय निकाल पाउंगी! और आज मैं महीने की चार ही नहीं सात-आठ पोस्ट तक लिख रहीं हूं। मैं एक-दो पोस्ट अ‍ॅडवांस में लिख कर रखने की कोशिश करती हूं ताकि मेहमान आदि आने पर या तबियत ख़राब होने पर भी पोस्ट की निरंतरता कायम रहे।

  1. How do you want to improve yourself in the next year?

आनेवाले सालों में मैं और ऐसे विषयों पर लिखना चाहती हूं जिनसे समाज को फ़ायदा हो…पाठकों को कुछ नया पढ़ने मिले…अंधश्रद्धा कम हो…लोगों के आत्मविश्वास में बढोतरी हो और नारी को सम्मान मिले…

  1. What was your greatest failure and what did you learn from that?

मेरा ब्लॉग blogger.com पर था (और हैं भी)। मैं ने पढ़ा कि  wordpress.com ज्यादा बेहतर हैं। मैं भी मेरा ब्लॉग wordpress.com पर शिफ्ट करना चाहती थी। लेकिन मुझे तकनिकी ज्ञान नहीं था। मेरी एक ब्लॉगर सहेली ने कहा कि वो मेरा ब्लोग wordpress.com पर शिफ़्ट कर देगी और उसने ऐसा कर भी दिया। लेकिन इस बीच 6-7 दिनों तक मेरा ब्लॉग खुल नहीं रहा था। मैं मन ही मन घबरा गई  थी। यदि मेरा ब्लॉग बराबर खुला ही नहीं तो…गई मेरी पूरी मेहनत पानी मे! क्योंकि मेरे पास अन्यत्र कहीं भी ब्लॉग पोस्ट सेव नहीं थी। इससे मैं ने यह सीखा कि अपनी ब्लॉग पोस्ट को अन्यत्र भी कहीं पर सेव करना चाहिए ताकि आपातकालिन स्थिती में हमारे पास हमारा सृजन कायम रहें। हालांकि बाद में सब ठीक हो गया। लेकिन कुछ तकनिकी कारणों से मुझे फ़िर से ब्लॉग को blogger.com पर शिफ़्ट करना पड़ा।

  1. Tell me about your proudest achievement?

मुझे अपने आप पर गर्व महसूस होता हैं जब किसी अपरिचित से मिलने पर वे कहते हैं कि वे मुझे पहचानते हैं। वो मेरा ब्लॉग पढ़ते हैं और उन्हें मेरी नई ब्लॉग पोस्ट का इंतजार रहता हैं…जब मेरी दो-तीन रिश्तेदार ने कहा कि मेरी ब्लॉग पोस्ट पढ़ कर उन्होंने निचली जाती की महिला को काम पर रखा…जब एक महिला ने कहा कि पहले माहवारी के दौरान छुआछुत होने पर उसे मन में डर लगता था कि कहीं उसे पाप तो नहीं लगेगा लेकिन मेरी ब्लॉग पोस्ट पढ़ने पर उसके मन से यह डर निकल गया हैं…जब कोई कहता हैं कि मेरे द्वारा दी हुई रेसिपी पढ़ कर उन्होंने व्यंजन बनाया और घर के सभी लोगों को वो पसंद आया…जब कोई कहता हैं कि मेरे द्वारा दिए हुए टिप्स पढ़ कर उन्हें काम करने में आसानी हुई हैं…

  1. Who has impacted you most in profession and how?

लेखन एक सहज कार्य हैं और सांस लेने की तरह किया जाता है। क्या सांस लेने के लिए किसी प्रेरणा की आवश्यकता हैं? क्या आप गुलाब के फूलों से कभी पूछते हैं कि आपको खुशबू फैलाने की प्रेरणा कहाँ से मिली? जैसे गुलाब के फूलों का सहज कार्य हैं खुशबू फैलाना ठीक वैसे ही मेरा सहज कार्य हैं ब्लॉग लिखना। मैं अपनी खुशी के लिए लिखती हूं…ये मेरा शौक हैं…

  1. What is your greatest achievement outside of profession?

मेरे ससुराल का इतना बड़ा परिवार होने के बावजूद (मेरे पतिदेव 11 बहन-भाई हैं। मुझे  33 भानजे-भानजियां हैं और इन सब के बच्चे) आज सभी मुझे बहुत चाहते हैं…सभी का मुझे बहुत प्यार मिलता हैं…ब्लॉगींग के अलावा मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि यहीं हैं।

Visit Her Blog :-  www.jyotidehliwal.com